हर दुःख हर सुख का हिसाब है
जिन्दगी खुद में एक किताब है
थाम के रक्खा है मैंने खुद को
टूट जाने को जो ये बेताब है
टूटने वाले बिखर मत हौसला रख
गम जरा देर के ही अजाब है
बच के चलना,न फरेब खाना है
सबके चेहरे में यहाँ नकाब है
जिन्दगी ने अगर खेला है मुझको
तो जीत जाना ही मेरा जवाब है
Manish Tiwari
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