Wednesday, April 29, 2009

दिल दिमाग और जिस्त की जरा कारगुजारी तो देखिये
झूठ फरेब में सराबोर इस जमीर की खुमारी तो देखिये

चंद पैसे के खातिर बेचा जिसने अपना लख्त-ए-जिगर
एक बेबस और मजबूर माँ की जरा लाचारी तो देखिये

हंसी लबों पे और दिल में ले के रंजिश मिलता है मुझे
उस शख्श की ये खूबसूरत जरा अदाकारी तो देखिये

सच ही निकलता है सदा इस मुँह से, बुरी आदत है
मुझ नासमझ नादान की जरा दुनियादारी तो देखिये

तूने देखा तो बस आंसू ही देखा मेरे इन आँखों में
जो इस दिल में भड़की है जरा वो चिंगारी तो देखिये

एक मासूम को देखा है ढूंढ़ते, कूड़े में अपना निवाला
उस परवरदिगार की बेसबब जरा तरफदारी तो देखिये

Manish Tiwari

Tuesday, April 28, 2009

जो थे अँधेरे अब वो खामोश से हो गए
माँ की गोद में सिमट के जो हम सो गए

याद है अब भी माँ का हांथो से खिलाना रोटी
यूँ तो कहने को अब हम जवाँ हो गए

दे के थपकी मेरे माथे पे सुलाना मुझको
नींद वो रेशमी और सुकूँ रात कहाँ खो गए

वो तेरे डांट में भी प्यार का एक अहसास था
याद आये जो वो अहसास तो आज हम रो गए

जो हो सके समेट लो इन गुजरते लम्हों को
क्या पता फिर न आये, एक बार ये जो गए


Manish Tiwari
पाँव अपने है कि चलते हुए कभी थकते नहीं
सांस भरते हुए ये सीने कभी थमते नहीं

जिन्दगी एक सफ़र है ऐसा कि जिसमे
ख़त्म होने से पहले लोग कभी मरते नहीं

उम्र भर मैं रहा मुखातिब इस सच से कि
झूठ कहने से भी लोग कभी डरते नहीं

हो बुरी या भली हो पर ये आदत है अपनी
जान के हम किसी का दिल कभी छलते नहीं

जिन को कर लूँ मै ताबीर इस दुनिया में
ख्वाब कुछ ऐसे मेरी आँखों में पलते नहीं

अब तो एक रब्त सी हो गयी है हमें ज़ख्मो से
अब तो इन आँखों से आंसू कभी ढलते नहीं

भूल जाऊं मै उसको ये कोई बड़ी बात नहीं
सच तो ये है कि कोशिश कभी करते नहीं


Manish Tiwari
हर दुःख हर सुख का हिसाब है
जिन्दगी खुद में एक किताब है

थाम के रक्खा है मैंने खुद को
टूट जाने को जो ये बेताब है

टूटने वाले बिखर मत हौसला रख
गम जरा देर के ही अजाब है

बच के चलना,न फरेब खाना है
सबके चेहरे में यहाँ नकाब है

जिन्दगी ने अगर खेला है मुझको
तो जीत जाना ही मेरा जवाब है


Manish Tiwari
लगता है यूँ कट रही है जिन्दगी अपनी
जैसे कोई सजा काट रहें हो


Manish Tiwari
रात हो, नींद हो, ख्वाब हो किसी का
वर्ना क्या खाख मजा है इस जिन्दगी का


Manish Tiwari

यूँ भी होता है अक्सर कुछ याद पुराने आते है
कुछ खुशियाँ आती है कुछ दर्द सताने आते है

मैंने जो कहा उनसे कि, तू है जिंदगी का सबब
वो इसी एक बात पे एहसान जताने आते है

नींद तो अब ठीक से आते नहीं है रातों में
और जो आते है तो तेरे ख्वाब दिखाने आते है

मुझको शायर बनाया मेरे ग़म ने मेरे दर्द ने
वरना दिल का हाल तो यूँ भी बताने आते है


Manish Tiwari
मेरे आंसू तेरे पलकों से उठाया न गया
एक ये अहदे वफ़ा भी तुझसे निभाया न गया

देख ले एक अश्क का समुंदर मेरे आँखों में
एक आंसू का कतरा भी तुझसे बहाया न गया

है कोई दोष अगर मेरा तो बस इतना ही है
बात जो दिल में थी वो जुबाँ पे लाया न गया

ये इलाज है मेरे मर्ज का कि भूल जाऊं मै तुझे
पर इस दिले नादाँ से तुझे कभी भुलाया न गया

Manish Tiwari
दिल जो चाहे वो मिल जाये तो किस बात का सवाल है
दिल जो चाहे सब मिलता नहीं इसी बात का मलाल है

सुन के किसी का दर्द जो किसी आँख से आंसू निकले
सोचता हूँ की ये भी किसी अच्छे जज्बात का मिसाल है

आज तो है चलन दुनिया में बस झूठ फरेब खुरापात का
मैंने कह दिया एक झूठ तो फिर किस बात का बवाल है

एक बस तू ही तो परेशान नही मेरे दोस्त इस दुनिया में
देख ले दिल तेरा भी है फर्सुदा तो मेरा भी बुरा हाल है

Manish Tiwari
खुदा करे कि शब्--वस्ल की सहर हो
मै उतर जाऊ तेरे दिल में तुझे खबर हो

खुशनसीबो को ही मिलता है दर्द उल्फत में
मसीहा तेरे चारागरी में कुछ असर हो

मै घर से निकलू तो पहुंचू तेरे दर पर ही
जो तेरे दर पे ही पहुचे कोई डगर हो

यूँ छा गयी है मेरे दिल में और दिमाग में तू
तेरे सिवा अब दुनिया में कुछ नज़र हो

कि म्रेरे जिस्म में अब तेरा ही तो एहसास है
जिन्दगी मेरी अब तुझ बिन कभी बसर हो

Manish Tiwari
बड़ा कठिन है समझना इसको जीवन जिसका नाम है
दुःख है जैसे दिन दुपहरी और सुख तो ठंडी शाम है

चल के रुकना रुक के चलना बस आगे बढ़ते जाना है
थक जाना जीवन समझो और मर जाना आराम है

क्या पाना है क्या खोना है किसको किसको याद रखे
खो जाए तो जहर समझ और मिल जाये तो जाम है

है कौन भला और कौन बुरा कैसे ये पहचान करें
जो लूट ले तुझको वो रावण है और देने वाला राम है

Manish Tiwari