Tuesday, April 28, 2009

पाँव अपने है कि चलते हुए कभी थकते नहीं
सांस भरते हुए ये सीने कभी थमते नहीं

जिन्दगी एक सफ़र है ऐसा कि जिसमे
ख़त्म होने से पहले लोग कभी मरते नहीं

उम्र भर मैं रहा मुखातिब इस सच से कि
झूठ कहने से भी लोग कभी डरते नहीं

हो बुरी या भली हो पर ये आदत है अपनी
जान के हम किसी का दिल कभी छलते नहीं

जिन को कर लूँ मै ताबीर इस दुनिया में
ख्वाब कुछ ऐसे मेरी आँखों में पलते नहीं

अब तो एक रब्त सी हो गयी है हमें ज़ख्मो से
अब तो इन आँखों से आंसू कभी ढलते नहीं

भूल जाऊं मै उसको ये कोई बड़ी बात नहीं
सच तो ये है कि कोशिश कभी करते नहीं


Manish Tiwari

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